05 Nov 2010
by sanjaykumarfarwaha
in कवीता
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कवीता
भाई दूज का पावन पर्व मैं मनाऊं
आ भैया तुझे तीलक लगाऊ भाई दूज का पावन पर्व मैं मनाऊं सनेह भरी अभिव्यक्ति देकर तेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ आ भैया तुझे तीलक लगाऊं कीतना पावन दीन यह आया जिसने भाई बहन को फीर से मिलायामनं मैं बहती स्नेह की गंगा ख़ुशी के अश्रुँ को मैं केसे छुपाऊ आ भैया तुझे तीलक लगाऊ भाई दूज का पावन पर्व में मनाऊ सनेह भरी अभिव्यक्ति देकरतेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ आ भैया तुझे तीलक लगाऊं
खुश किस्मत है मुझ जेसी बहनाजीसे दीया है ईश्वर ने भाई सा गहना तुझे टीका लगाऊ , मुहं मीठा करवाऊ , तेरी लम्बी उम्र की शुभ कमाना करतुझ पे वारी मैं जाऊं
आ भैया तुझे तीलक लगाऊ भाई दूज का पावन पर्व मैं मनाऊं सनेह भरी अभिव्यक्ति देकर तेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ आ भैया तुझे तीलक लगाऊं आरती की मैं थाली सजाऊरोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक लगाऊं कभी न तुझ पे आए संकट तेरे उज्ज्वल भविष्य के कामना गीत मैं गाऊ आ भैया तुझे तीलक लगाऊं भाई दूज का पावन पर्व में मनाऊं सनेह भरी अभिव्यक्ति देकरतेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ आ भैया तुझे तीलक लगाऊ
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